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बस का सफ़र
#81
(31-01-2021, 02:51 PM)Shalini.Kaushik Wrote: Wow! Hot story ???

Thank you
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बस का सफर
संध्या की दास्तान | खण्ड १ : उदय
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#82
Please update dear!
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#83
Nice update
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#84
Episode 10 : Part V

"रात में किचेन में ऊ आर पार दिखने वाला नाइटी पहन कर अाई। उसके चेहरे से साफ समझ में आ रहा था कि ऊ पट चुकी है। हम उसके गांड पर हाथ रख दिए। बोली क्या कर रहे हो त हम बोले मालिश। ऊ बोली अभी तुम्हारे मालिक से मालिश करवाऊंगी, जब वो चले जाएं तब जी भर कर मालिश करना। इसके बाद का तीन रात हम कइसे‌ ‌‍‌ काटे हम बता नहीं सकते। साला लौड़ा कभी नीचे होबे नहीं करता था। दिन भर खड़ा रहता। और साली देख देख कर मुस्कुराती थी। किचेन में कितना बार उसका चूची दबाए, गांड दबाए पर हर बार ऊ इंतजार करने बोल कर हाथ हटा देती।"

"फिर जब मालिक गए त हम उसको जम के चोदे।" बुड्ढा नीता को बेकाबू होता देख चुका था। अब उसे वो अपने काबू में करना चाहता था।

"अरे! किए कैसे ये तो बताओ?" नीता विस्तार से सुनना चाहती थी।

"अइसे नहीं बताएंगे, एगो चुम्मा दीजिए तब बताएंगे।" बुड्ढा नीता कि रेसीली गुलाबी होंठों का रस चूसना चाहता था। उसके हाथ अपने काम में अनवरत लगे थे।

नीता लाज शर्म ज़रूर भूल चुकी थी, पर एक दो कौड़ी के बस का खलासी उसे चुम्बन ले, ये बात उसे हज़म नहीं हुई। "औकात में रही! नहीं बताना तो मत बताओ, पर मैं कोई रण्डी या तुम्हारी रखैल नहीं हूं कि तुम मुझे चूमोगे।" नीता उसके गोद से हटने लगी।

बुड्ढे ने फिर से नीता को जकड़ लिया। उसका हथियार निशाने पर नहीं लगा था। नीता अभी तक उसके काबू में नहीं आयी थी। "आप त तुरंते बुरा मान जाती हैं।" वो तुरंत तू से आप पर पुनः आ चुका था। "चुम्मा नहीं दे सकती पर लौड़ा त पकड़िए सकती हैं?" बुड्ढे ने नीता की कोमल हाथों को अपने दहकते लोहे के रॉड पर रखा। नीता ने जबसे बुड्ढे के लंड को देखा था तब से उसे एक बार छूने को बेताब थी। और जब इतना सब कुछ हो ही गया है तो एक लंड छूने से क्या बिगड़ जाएगा? उसने बुड्ढे के लंड को पकड़ लिया। उफ्फ! क्या लंड था! इतना मोटा, इतना सख़्त, इतना गर्म! बुड्ढे के लंड की गर्मी हाथ के माध्यम से नीता के शरीर में प्रविष्ट हो उसके जिस्म से प्रवाहित होते हुए उसकी चूत तक पहुंची। चूत दहक उठा, नीता की पकड़ बुड्ढे के लंड पर और मजबूत हो गई।

संपूर्ण उपन्यास अमेज़न पर उपलब्द्ध है। लिंक नीचे दिया गया है। https://amzn.to/3lJAvBO
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संध्या की दास्तान | खण्ड १ : उदय
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#85
(08-02-2021, 02:41 PM)Modern.Mastram Wrote: Episode 10 : Part V

"रात में किचेन में ऊ आर पार दिखने वाला नाइटी पहन कर अाई। उसके चेहरे से साफ समझ में आ रहा था कि ऊ पट चुकी है। हम उसके गांड पर हाथ रख दिए। बोली क्या कर रहे हो त हम बोले मालिश। ऊ बोली अभी तुम्हारे मालिक से मालिश करवाऊंगी, जब वो चले जाएं तब जी भर कर मालिश करना। इसके बाद का तीन रात हम कइसे‌ ‌‍‌ काटे हम बता नहीं सकते। साला लौड़ा कभी नीचे होबे नहीं करता था। दिन भर खड़ा रहता। और साली देख देख कर मुस्कुराती थी। किचेन में कितना बार उसका चूची दबाए, गांड दबाए पर हर बार ऊ इंतजार करने बोल कर हाथ हटा देती।"

"फिर जब मालिक गए त हम उसको जम के चोदे।" बुड्ढा नीता को बेकाबू होता देख चुका था। अब उसे वो अपने काबू में करना चाहता था।

"अरे! किए कैसे ये तो बताओ?" नीता विस्तार से सुनना चाहती थी।

"अइसे नहीं बताएंगे, एगो चुम्मा दीजिए तब बताएंगे।" बुड्ढा नीता कि रेसीली गुलाबी होंठों का रस चूसना चाहता था। उसके हाथ अपने काम में अनवरत लगे थे।

नीता लाज शर्म ज़रूर भूल चुकी थी, पर एक दो कौड़ी के बस का खलासी उसे चुम्बन ले, ये बात उसे हज़म नहीं हुई। "औकात में रही! नहीं बताना तो मत बताओ, पर मैं कोई रण्डी या तुम्हारी रखैल नहीं हूं कि तुम मुझे चूमोगे।" नीता उसके गोद से हटने लगी।

बुड्ढे ने फिर से नीता को जकड़ लिया। उसका हथियार निशाने पर नहीं लगा था। नीता अभी तक उसके काबू में नहीं आयी थी। "आप त तुरंते बुरा मान जाती हैं।" वो तुरंत तू से आप पर पुनः आ चुका था। "चुम्मा नहीं दे सकती पर लौड़ा त पकड़िए सकती हैं?" बुड्ढे ने नीता की कोमल हाथों को अपने दहकते लोहे के रॉड पर रखा। नीता ने जबसे बुड्ढे के लंड को देखा था तब से उसे एक बार छूने को बेताब थी। और जब इतना सब कुछ हो ही गया है तो एक लंड छूने से क्या बिगड़ जाएगा? उसने बुड्ढे के लंड को पकड़ लिया। उफ्फ! क्या लंड था! इतना मोटा, इतना सख़्त, इतना गर्म! बुड्ढे के लंड की गर्मी हाथ के माध्यम से नीता के शरीर में प्रविष्ट हो उसके जिस्म से प्रवाहित होते हुए उसकी चूत तक पहुंची। चूत दहक उठा, नीता की पकड़ बुड्ढे के लंड पर और मजबूत हो गई।

संपूर्ण उपन्यास अमेज़न पर उपलब्द्ध है। लिंक नीचे दिया गया है। https://amzn.to/3lJAvBO

हॉट अपडेट!
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#86
(08-02-2021, 02:41 PM)Modern.Mastram Wrote: Episode 10 : Part V

"रात में किचेन में ऊ आर पार दिखने वाला नाइटी पहन कर अाई। उसके चेहरे से साफ समझ में आ रहा था कि ऊ पट चुकी है। हम उसके गांड पर हाथ रख दिए। बोली क्या कर रहे हो त हम बोले मालिश। ऊ बोली अभी तुम्हारे मालिक से मालिश करवाऊंगी, जब वो चले जाएं तब जी भर कर मालिश करना। इसके बाद का तीन रात हम कइसे‌ ‌‍‌ काटे हम बता नहीं सकते। साला लौड़ा कभी नीचे होबे नहीं करता था। दिन भर खड़ा रहता। और साली देख देख कर मुस्कुराती थी। किचेन में कितना बार उसका चूची दबाए, गांड दबाए पर हर बार ऊ इंतजार करने बोल कर हाथ हटा देती।"

"फिर जब मालिक गए त हम उसको जम के चोदे।" बुड्ढा नीता को बेकाबू होता देख चुका था। अब उसे वो अपने काबू में करना चाहता था।

"अरे! किए कैसे ये तो बताओ?" नीता विस्तार से सुनना चाहती थी।

"अइसे नहीं बताएंगे, एगो चुम्मा दीजिए तब बताएंगे।" बुड्ढा नीता कि रेसीली गुलाबी होंठों का रस चूसना चाहता था। उसके हाथ अपने काम में अनवरत लगे थे।

नीता लाज शर्म ज़रूर भूल चुकी थी, पर एक दो कौड़ी के बस का खलासी उसे चुम्बन ले, ये बात उसे हज़म नहीं हुई। "औकात में रही! नहीं बताना तो मत बताओ, पर मैं कोई रण्डी या तुम्हारी रखैल नहीं हूं कि तुम मुझे चूमोगे।" नीता उसके गोद से हटने लगी।

बुड्ढे ने फिर से नीता को जकड़ लिया। उसका हथियार निशाने पर नहीं लगा था। नीता अभी तक उसके काबू में नहीं आयी थी। "आप त तुरंते बुरा मान जाती हैं।" वो तुरंत तू से आप पर पुनः आ चुका था। "चुम्मा नहीं दे सकती पर लौड़ा त पकड़िए सकती हैं?" बुड्ढे ने नीता की कोमल हाथों को अपने दहकते लोहे के रॉड पर रखा। नीता ने जबसे बुड्ढे के लंड को देखा था तब से उसे एक बार छूने को बेताब थी। और जब इतना सब कुछ हो ही गया है तो एक लंड छूने से क्या बिगड़ जाएगा? उसने बुड्ढे के लंड को पकड़ लिया। उफ्फ! क्या लंड था! इतना मोटा, इतना सख़्त, इतना गर्म! बुड्ढे के लंड की गर्मी हाथ के माध्यम से नीता के शरीर में प्रविष्ट हो उसके जिस्म से प्रवाहित होते हुए उसकी चूत तक पहुंची। चूत दहक उठा, नीता की पकड़ बुड्ढे के लंड पर और मजबूत हो गई।

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#87
हॉट अपडेट भाई!
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#88
Hot story!
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#89
ये भी बढ़िया है।
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#90
(11-02-2021, 07:58 PM)Ananya.Thakur Wrote: ये भी बढ़िया है।

Thank you
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