14-01-2021, 12:28 PM
Episode 10 : Part I
"रश्मि मैडम के साथ सबसे जादा मज़ा आया। जमशेदपुर में उनके यहां नौकर का काम करते थे। घर दोनों मियां बीबी और एक पांच साल का बच्चा था।"
"आप सुन कर मज़ा लेंगी, और हम?" बुड्ढा अब पूरी तरह से खुल चुका था। अपने शब्दों से बुड्ढा अपने परोक्ष इरादे को प्रत्यक्ष कर रहा था। बुड्ढे ने बस के सीट पर पीठ को टीका कर अपना दोनो पैर फैला दिया। दोनों टांगों के बीच आधे काले आधे सफेद बालों की झाड़ के बीच बुड्ढे का मीनार अपनी पूरी लंबाई लिए नीता को आमंत्रण दे रहा था।
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"रश्मि मैडम के साथ सबसे जादा मज़ा आया। जमशेदपुर में उनके यहां नौकर का काम करते थे। घर दोनों मियां बीबी और एक पांच साल का बच्चा था।"
"तो उसी के बारे में बताओ।"
"क्या बताएं?"
"यही कि कैसे किया उसके साथ?"
“क्या कैसे किएं? ठीक से पूछिए न?" बुड्ढा नीता को चिढ़ा रहा था।
"ओह हो! कैसे चोदा उसे?" इस बार नीता बिल्कुल भी नहीं झिझकी।
"वैसे ही चोदे जैसे सब चोदते हैं। खोल के पेल दिए अंदर।"
"धत्त बेशर्म! ये थोड़े ही पूछ रही हूं। ये पूछ रही हूं कि उसको पटाया कैसे?"
"सारे मज़े आप ही लीजिएगा? यहां गोद में आइए त बताते हैं।" बुड्ढा बिना कुछ लिए नीता को कुछ नहीं देने वाला था।
"यहीं से बताओ न!" नीता की आवाज़ में दृढ़ता नहीं थी। वो कहानी सुनना चाहती थी जो उसके अंदर के अपराध बोध को निरस्त कर दे। साथ साथ वो मस्ती के मूड में भी आ रही थी। नीता को जिस आनंद की अनुभूति बुड्ढे ने उसकी चूत चूस कर दिया था वो उस आनंद को पाने के लिए फिर से मचल रही थी।
"आप सुन कर मज़ा लेंगी, और हम?" बुड्ढा अब पूरी तरह से खुल चुका था। अपने शब्दों से बुड्ढा अपने परोक्ष इरादे को प्रत्यक्ष कर रहा था। बुड्ढे ने बस के सीट पर पीठ को टीका कर अपना दोनो पैर फैला दिया। दोनों टांगों के बीच आधे काले आधे सफेद बालों की झाड़ के बीच बुड्ढे का मीनार अपनी पूरी लंबाई लिए नीता को आमंत्रण दे रहा था।
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बस का सफर
संध्या की दास्तान | खण्ड १ : उदय
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