12-03-2021, 10:41 PM
Episode 10 : Part VI
"सोमवार को मालिक भोर पांच बजे निकल गए। ऊ भोर में रूम से बाहर नहीं निकली। उसके बेटा को स्कूल के लिए तैयार कर, खाना खिला कर, स्कूल भेज कर हम उसके रूम में गए। रूम का दरवज्जा खुला हुआ था। वो साड़ी ओढ़े पेट के बल लेटी हुई थी। हम उसके ऊपर से साड़ी हटाए। अंदर ऊ खाली कछिया पहने हुई थी। गंजी भी नहीं था। हम अपना धोती उतारे और चढ़ गए उसके ऊपर। उसके गांड पर लौड़ा रख के दुन्नु तरफ पैर करके उसके गांड पर बईठ गए। ऊ बोली इतनी जल्दी किस बात की है, आराम से मालिश करो न। हम उसके गांड पर बईठ कर उसके पीठ को दबाने लगे। फिर हाथ उसके पीठ के दोनों तरफ ले जा कर उसके चूची को पकड़ लिए। फिर उसको बोले पलटने के लिए। उसके पेट पर बैठ गए और उसके दोनों चूची के बीच में अपना लौड़ा रख के उसके चूची को चोदे। फिर साली के मुंह में लौड़ा ठूंस दिए। रण्डी लौड़ा को बड़े चाव से चूसने लगी।" बुड्ढा जान बूझ कर गन्दी भाषा का प्रयोग कर रहा था। वो नीता की सारी झिझक को तोड़ देना चाहता था, तभी नीता उसके काबू में होगी।
नीता कब उसके लंड को मसलने लगी थी ये खुद नीता को भी नहीं पता चला। "फिर?"
"फिर उसके मुंह में लौड़ा डाले हुए हम पलट गए और झुक कर उसका कछिया सरका दिए। फिर उसका चूत चाटने चूसने लगे। चूत चूसने में मेरे टक्कर का पूरे दुनिया में आपको कोई नहीं मिलेगा। आप तो चूत चुसवा के देखिए लिए हैं। उंगली और जीभ से चोद चोद कर साली को झाड़ दिए। फिर उसको कूतिया की तरह पीछे से चोदे। जब तक मालिक का रांची में काम चलता रहा, करीब 5-6 महीना, तब तक साली को जम के चोदे। कभी बीबी की तरह, कभी रण्डी की तरह, कभी रखैल की तरह। हफ्ता में 5 दिन जब मालिक नहीं होते त हम सोते भी उसी के साथ थे। साली को हर तरह से चोदे, मुंह में दिए, गांड मारे, चूत चोदे। किचेन में चोदे, बाथरूम में चोदे। गर्मी में त साली को छत पर ले जा कर चोदते थे। 5-6 महीना खूब मज़ा लिए भोंसड़ी वाली का। वो पेट से भी हुई। कहती त है कि मेरा बच्चा है, पर भगवान जाने मेरा है कि मालिक का।"
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नीता कब उसके लंड को मसलने लगी थी ये खुद नीता को भी नहीं पता चला। "फिर?"
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बस का सफर
संध्या की दास्तान | खण्ड १ : उदय
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