13-04-2024, 09:18 PM
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दुर्भाग्यवश मम्मी की चुदाई हुई
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13-04-2024, 10:27 PM
कहानी उन दिनों की है जब में नौवीं कक्षा में पढ़ रहा था और मम्मी दहकती हुई ३७ साल की जवान जिस्म पर काम क्रीड़ा की आग भड़कती थी वैसे आज भी मम्मी जवान है और काम क्रीड़ा को आज भी उपभोग करती हे।
मम्मी पापा एकमात्र संतान था में ।गर्मी की छुट्टी मनाने ननिहाल गया था मम्मी और में शाम को मम्मी और में लौट रहे थे । बस्टॉप पर काफी देर हमने इंतजार किया लेकिन कोई बस नहीं मिला हमे । रात हो गई थी बस का कोई स्ट्राइक चल रहा था उस दिन। रात के 9 बजे की एक बस मिली हमे उसपे हम चढ़ गए । बस में लोग थे लेकिन ज्यादा भीड़ नहीं था तो हम सीट मिल गया । कुछी दूर जाने पर बस की खलासी और कंडक्टर ने सभी मुसाफिर को चेतावनी दी " बस को लुटेरों ने रोक लिया है और ये लोग बोहोत खतरनाक हे जो मांगे दे देना ऐसा ना हो की किसी की जान जाय सन रुपयों गहनों के लिए। मम्मी और में काफी दर गए बस अन्य यात्री भी दर गए। कूची पलकों में एक दल हथियारों के साथ गुंडे लुटेरे लोग बस पर सबार हुए और सबसे पहले सबका मोबाइल फोन छीन लिया कुछ यात्रियों को तो बेवजह पिट दिया । एक गुंडे की नजर मेरी मम्मी पर पड़ी और बोला " अबे तेरी ये माल तो बड़ी लचीली है उठा ले इसे" उन गुंडों ने मम्मी को उठा लिया मैने मम्मी को बचाने की कशिश की तो मुझे बोहोत मार पड़ी मम्मी ने भी खुद को बचाने की कशिश कर तो उसे भी मार पड़ी । गुंडे लोग मम्मी को उठा ले गए सिर्फ मम्मी को ही नही बस की और चार औरतों को उठा कर ले गए। छे लोग बस के अंदर पहरा देने लगा हाथों में बंदूक था और भी हथियार थे उनके साथ । में बिना आसूं बहाए रो रहा था क्यू की मुझे पता था वो लोग मेरी मम्मी को और बाकी चार औरतों के साथ क्या करेंगे। मम्मी भले ही थोड़ी सावली थी लेकिन साफ रंग की गदराई हुई मखमली त्वचा की भरा हुआ सुगठित बदन की था । मुझे पता था मम्मी मुझसे यानी अपने बेटे से अपने पति से जितना प्यार करती थी वो कितनी संस्कारी थी । और आज ये गुंडे उनके साथ क्या करने वाले हे वो में बयान नहीं कर सकता । बोहोत दुख हो रहा था लेकिन गिरगिराने के अलावा हम कुछ नही कर सकते थे । मैने गिरगिराया तो मुझे अच्छी खासी पिटाई करी उन गुंडों ने । बस के अंदर छे गुंडे मजुड थे और पहरा दे रहे थे । कुछ समय बिता और तीन गुंडे उतार गए । में पीछे की सीट पर था मैने थोड़ी हिम्मत की और चालाकी पीछे की दरवाजे से उतर गया चुपके से । उतरते ही रास्ते की किनारे घना जंगल दिखा और सुनाई दिया औरतों की चीखने चिल्लाने की आवाज । मेरा दिल दहेक उठा मैने जाना उन चीखें में मेरी मम्मी की भी चीखे थी में दर से कांप उठा नजाने मम्मी के साथ क्या हो रहा होगा क्या कर रहा होगा वो गुंडे लोग ।
13-04-2024, 11:29 PM
में उन आवाज की दिशा में जा ही रहा था की किसी ने पीछे से मेरी गर्दन पकड़ा और मुझे अपनी तरफ घुमाया मेरी फट गई । एक गुंडे ने मुझे पकड़ लिया और मेरे चेहरे पर एक घुसा मार कर बोला ", साले बोहोत हुसियारी दिखता हे हमको क्या टपोरी गुंडा समझा है क्या अभी समझता हूं तेरे को " ऐसा बोल कर मुझे और पिता और घसीटते हुए बस के अंदर बिठा दिया । वैसे ही दो घंटे बीते तब मेरी मम्मी और बाकी चार औरते बस के अंदर आए । मैने ध्यान से देखा मम्मी को जुड़ा बंधी मम्मी की बाल बिखड़े हुए थे सारी भी अयेस्ट वेस्ट गंदी हो रखी थी चेहरे पर दर्द सूखे आंसू । मम्मी आ कर मेरे बलग में बैठी । गुंडों ने बस को जाने दिया मम्मी मुझे गले लगा कर रोने लगी में क्या करता क्या बोलता जो हुआ मम्मी के साथ उस बारे में कैसे कुछ बोल कर और क्या दिलासा देता । मम्मी रोते रोते चुप हुई और बोली " अपने पापा को कुछ मत बोलना तुजे मेरी कसम । और बोलना की हमारा समान गुम हो गया " मैंने भी मम्मी की बात का समर्थन किया । आधी रात को घर पोहोछे हम पापा उस दिन नाईट ड्यूटी पर थे । थकान तो बोहोत थी लेकिन मम्मी और मुझे कहा नींद आने वाली थी । वैसे ही कुछ दिन बीत गए । एक दिन में स्कूल जा रहा था । स्कूल पास में थी था तो पैदल ही चला जाता था । अचानक मैने एक आदमी गुजरते हुए देखा । मैंने यादों को याद कर के सोचा अरे ये तो वोही गुंडा हे उस दिन बस वाले लुटेरे में से एक । मैने तुरंत उसका पीछा किया वो भी पैदल जा रहा था । पीछा करते हुए मैने देखा की वो गुंडा तो मेरे ही घर घुस गया । में घबरा गया और तेज चल कर अपने घर गया तो पाया की घर का मुख्य दरवाजा बंद हे में अचंभित हो गया ये क्या मम्मी कभी भी दिन में अंदर से घर का मुख्य दरवाजा बंद नहीं करती। में सीधा घर के पीछे गया और घर की पीछे की द्वार से में चुपके से घुसा । मम्मी की कमरे से आवाज आ रही थी । में मम्मी की कमरे की तरफ बढ़ा और चुपके से आधी खुली दरवाजे से देखा तो मेरी पूरी दुनिया ही बदल गई क्या सोचा था क्या हो रहा हे। मेरी सोच ही बदल गई उस दिन से । कुछ गु मिनिट हुए होंगे वो गुंडा मेरे से पहले आए हुए । और ये क्या वो गुंडा पूरा नंगा था और मम्मी भी पूरी नंगी अचार्य की बात थी वो गुंडा मेरी मम्मी को बिस्तर पर बाहों में भर चूम रहा था और मम्मी भी उसके गले में लिपट कर उस गुंडे का होंठ चूम रही थी। मुझे समझने देर नहीं लगी की मम्मी का भी सहमति है उसमे । में सोचने लगा की क्या ये गुंडा मम्मी को दर धमका के सेशन कर रहा है। पर मम्मी भी इतने सिद्धत से साथ से रही हे देखने से तो ऐसा नहीं लगता। उस गुंडे ने मम्मी की चूत में अपना लंद घुसा दिया और मम्मी को अपनी बाहों में दबोच लिया मम्मी आंख बंद कर के आन्ह्ह्ह्ह्ह कर के सिसकारी ली । वो गुंडा मम्मी को चूमते हुए कमर हिलाने लगा धीरे धीरे। मम्मी भी मधुर सिसकारियां लेने लगी । मम्मी कहने लगी " आआह्ह्ह्ह् ये सब सही नहीं है मुझे ये सब अच्छा नहीं लगता में और अपने पति को और बच्चे को धोखा नहीं दे सकती उफ्फ धीरे धीरे" गुंडा बोला " रण्डी तो फिर तेरी चूत क्यू इतनी गीली है अगर अच्छा नहीं लगता तो " ऐसा बोल कर गुंडे ने जोर जोर कमर उछाल उछाल के झटका मारने लगा । मम्मी सर झटक झटक कर छटपटाती हुई चीखने लगी। पर गुंडे ने जोर जोर से चोदना जारी रखा । पूरे कमरे में थाप थाप की आवाज और मम्मी की आ यूईईआ आआअह्हह्ह्ह चीखों की गूंज । जैसे ही गुंडा रुका और तेज तेज सासें लेने लगा मम्मी कांपने लगी और पिचकारी मार दी । गुंडा वैसे ही घुटनों के बल खड़ा हुआ और मम्मी को उठाया मम्मी की चूत में अभी भी उसका लन्ड था । गुंडे ने मम्मी का बाल खींच के पकड़ा और बोला " साली रण्डी रोज नाटक करती है लेकिन मेरे लंद को फिर भी चूत की पानी पिलाती हे" मम्मी कामुक अंदाज में बोली ", तो क्या करू तुम ही बताओ । में भी तो औरत हूं मुझे भी चुदाई चाहिए मेरा पति दो झटकों ने उल्टी करता है ऊपर से तेरा औजार मेरी चूत पूरा खोल देता है अंदर तक जाता हे ठाकोर मारता है किसको तुम जैसा मर्द नही चाहिए बोलो तो " गुंडा मम्मी की कमर उछाल के मम्मी को अपने लन्ड पर चुदवाने लगा " मेरा दोस्त तुझे चोदना चाहता हे आना चाहता है" मम्मी बोली " ना बाबा ना । तुम मुझे अच्छे लगते हो में सिर्फ तुमसे ही चुदवाऊंगि आह और चोदो मुझे बोहोत मजा आता हे तेरे साथ " गुंडा बोला ", परसों तूने ठीक से गांड मारने नहीं दिया आज मारूंगा तेरी गांड ", मम्मी बोली " मार ना किसने रोका है आन्ह्ह्ह्ह्ह " गुंडा " अच्छा तो रोटी क्यू है फिर " मम्मी मुस्कुराई " बुद्धू रीती हूं तो क्या तू कर ना अपना मेरा राजा " गुंडा जोश में मम्मी को पटका और जोर जोर से चोदने लगा " साली आज तेरी चूत गांड दोनो फाड़ दूंगा " मम्मी हस कर सिसकारियां ले रही थी " औरते की छेद फाड़ने के लिए ही बनी है आन्ह्ह्ह्ह्ह चोद साले मेरा कुत्ता " तभी मम्मी की फोन बजने लगा । और ममी ने गुंडे को रोका और उठ कर फोन पर बाते करने लगी। मम्मी की बातों से मुझे लगा मेरे स्कूल से फोन हे तो में तुरंत भागा अपने स्कूल । समाप्त |
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