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प्यासा जीवन
#1
Hot 
आह आह आह..Take it my bitch take it all in your mouth baby
साहिल ने अपना सारा पानी वीना के मुंह पर निकाल दिया और सोफे पर जा कर बैठ गया।

उम्मम क्या बात है भाई..कितने दिन से इकट्ठा कर रहे थे
वीना ने अपनी उंगली से चेहरे पर लगे साहिल के सफेद गाढ़े वीर्य को साफ करते हुए कहा।

आज पूरे तीन महीने बाद चूत मारी है किसी की..इतना तो निकलेगा ही। साहिल ने सोफे पर पड़े पड़े जवाब दिया।

हम्म ये तो है वैसे आज भी आपका माल उतना ही टेस्टी है जितना पहली बार था जब आपने मुझे पिलाया था। वीना अब तक सारा वीर्य उंगली से चाट गयी थी।

तो मेरी कुतिया को अपने मालिक का पानी अच्छा लगा हाँ... साहिल ने सिगरेट का कश लेते हुए कहा।
हूँ.. हमेशा अच्छा लगता है..वीना उठ कर नंगी ही अपनी मोटी गांड हिलाते हुए साहिल के पास आकर बैठ गयी।

उसने साहिल को चूमना चाहा लेकिन साहिल ने उसके बाल पकड़ कर उसे नीचे गिरा दिया।
साली ये तेरी असली जगह है समझी..जब तक मैं ना कहूँ मेरे बराबर बैठने की गलती मत करना। मेरी असली बहन नहीं है तू इस बात को जितना जल्दी समझ सकती है समझ ले।
साहिल ने पैर के अंगूठे को उसके मुंह में डालते हुए कहा।

हम्म्म्म समझ गयी..वो उसके अंगूठे को मुंह में चूसती हुई बोली।

क्या समझी बोल..साहिल ने अपना पूरा अंगूठा उसके मुँह में घुसाते हुए पूछा।

यही समझी कि मेरी कोई औकात नहीं आपके सामने..आपकी फैंकी हुई झूठन को खाना ही मेरी किस्मत है मालिक। वीना ने जवाब दिया।

हम्म्म्म.. समझदार है कुतिया। कहते हुए साहिल बाथरूम में नहाने चला गया।

"और एक दिन यही कुतिया तुझे अपना कुत्ता बनाएगी साहिल मित्तल, ये बात तुझे भी जल्द समझ आ जायेगी" वीना अपमान का घूँट पीते हुए मन में बोली और अपने कमरे में नहाने चली गयी।

क्या हुआ वीना ऐसे चुपचाप क्यों बैठी है..नाश्ता अच्छा नहीं लगा क्या। वीना और साहिल की माँ निशा ने वीना से पूछा।
नहीं माँ ऐसा तो कुछ नहीं है नाश्ता तो हमेशा की तरह बेहतरीन ही है बस कुछ सोच रही थी मैं। वीना ने जवाब दिया।

अरे! ऐसा भी क्या सोचना कि खाना ही भूल जाये चल पहले नाश्ता कर ले फिर दोनों मिल कर सोचेंगे जो सोचना है। निशा ने कहा।

हम्म्म्म.. क्या बात हो रही हैं माँ बेटी के बीच कोई हमें भी बता दो। साहिल ने आकर कुर्सी पर बैठते हुए पूछा।

कुछ नहीं बेटा बस माँ बेटी के बीच की बात है। निशा ने जवाब दिया।

ओह्ह ऐसा क्या..लाओ मुझे भी कुछ खिला दो बहुत जोर से भूख लगी है और वैसे भी जर्मनी में माँ के हाथ का खाना नहीं मिलता। साहिल ने एक प्लेट लेते हुए कहा।

बोल तो ऐसे रहा है जैसे ना जाने कितनी याद आयी हो माँ की वहाँ.. निशा ने उसे खाना देते हुए कहा।

बहुत याद आयी माँ आपको कैसे बताऊँ.. मैं तो जाना ही नहीं चाहता था डैड के मरने के बाद लेकिन आपकी जिद की वजह से मुझे जाना पड़ा। साहिल खाना खाते हुए बोला।
तो मैं क्या करती तू बता..जो हुआ उसे कोई बदल तो नहीं सकता था..और फिर तेरी पढ़ाई भी तो बाकी थी।यहाँ सब सम्हाल ही लिया था रितेश ने फिर तू रुक कर क्या करता यहाँ। निशा ने उसके पास बैठते हुए कहा।

अब तो मैं आ गया ना माँ हमेशा के लिए आपके पास। साहिल एकटक निशा को देख रहा था।
तू तो आ गया बस साक्षी भी आ जाये तो मेरा परिवार पहले की तरह पूरा हो जाये बस ऊपर वाले से यही प्रार्थना है। निशा ऊपर देखते हुए हाथ जोड़ कर बोली।

दीदी आ रहीं है..कब..कब आ रही हैं दीदी। इतनी देर से चुपचाप बैठी हुई वीना चौंक कर बोली।
वो अगले हफ्ते आएगी। और अगर तुम दोनों का खाना हो गया हो तो जा कर आराम करो मुझे ऑफिस भी जाना है अब। निशा ने प्यार से साहिल का सर थपथपा कर कहा और खड़ी हो गई।

मेरा हो गया मैं जा रही हूं कमरे में..वीना साहिल को देखते हुए बोली।
जा तू भी जा कर आराम कर ले शाम को मैं जल्दी आ जाऊंगी फिर बैठ कर बातें करेंगे..निशा ने साहिल से कहा।

जी माँ..मुझे कुछ काम भी है कुछ दोस्तों को कॉल करने है बाई..और शाम को जल्दी आना माँ। साहिल भी अपनी कुर्सी से खड़ा हो गया।

ठीक है बेटा और जल्दी ही तू भी ऑफिस आना शुरू कर आखिर ये सब तुझे ही सम्हालना है आगे चलकर। निशा ने बाहर निकलते हुए कहा।
जी माँ.. मैं जल्दी ही सब सम्हाल लूँगा बस 1 हफ्ते का समय दे दो दीदी आ जाएं फिर हम दोनों सब सम्हाल लेंगे। साहिल ने निशा को विदा करते हुए कहा।

निशा ऑफिस जा चुकी थी और साहिल अपने कमरे में सोफे पर बैठा दोस्तों से फोन पर बातें कर रहा था कि तभी वीना उसके कमरे में आई और चुपचाप आकर उसके पैरों के पास सोफे पर सिर टिका कर बैठ गयी। साहिल उसे देख कर मुस्कुराया और दोबारा उसके मुँह में अपने पैर का अंगूठा डाल दिया जिसे वीना बड़े प्यार से चूसने लगी।


उम्मम आह..आह..क्या बात है मेरी जान आज कुछ ज्यादा ही जोश में हो..रितेश निशा से बोला जो इस समय उसका लण्ड चूस रही थी।
निशा इस समय सिर्फ काली ब्रा पैंटी में थी और नीचे बैठी हुई थी। वहीं रितेश सोफे पर दोनों पैर खोल कर बिल्कुल नंगा बैठा हुआ था और निशा से लण्ड चुसाई का आनंद ले रहा था।

क्यों रोज़ क्या जोश में नहीं होती मैं..निशा अपने मुँह से लण्ड निकालते हुए बोली।

होती हो..होती हो..लेकिन आज कुछ ज्यादा ही जोश में हो। रितेश ने निशा का सर अपने लण्ड पर दबाते हुए कहा।

मममममम.. निशा ने चूसना चालू रखा और एकदम से उसके लण्ड पर दांत मार दिए।
उफ़्फ़ क्या करती है राँड.. काट क्यों रही है हरामजादी..रितेश ने निशा के बाल पकड़ कर कहा।

क्योंकि मुझे मज़ा आता है ..कहते हुए निशा खड़ी हो गयी और अपनी ब्रा निकाल कर रितेश के मुँह में घुसा दी। अब उसने अपनी पैंटी भी उतारी और वो भी उसके मुँह में घुसा दी अब वो पूरी नंगी थी उसके बड़े बड़े चूचे रितेश की आँख के सामने लहरा रहे थे.. उसकी चिकनी चूत काम की अधिकता की वजह से फूल गयी थी।
जब उससे रहा ना गया तो वो रितेश के लण्ड के ऊपर बैठ गई और अपनी चूत को उसके लण्ड पर रगड़ने लगी।

आह की आवाज के साथ रितेश का लण्ड निशा की चूत में घुस गया। 
अब उसने रितेश के हाथ पकड़ कर अपने लहराते हुए मुम्मोंपर रखे और उसके लण्ड पर कूदने लगी।

आह रितेश फ़क मी आह यस यस यस बेबी..वो बड़बड़ाये जा रही थी और उसके लण्ड पर कूदे जा रही थी।
अब उसने रितेश की गर्दन अपने दोनों हाथों से पकड़ ली और दबाने लगी।
रितेश ने भी उसकी कमर पकड़ कर नीचे से धक्के लगाना शुरू कर दिया।

चटाक..एक चांटे की आवाज़ पूरे कमरे में गूंज गयी। रितेश आंखे फाड़े निशा को देख रहा था जिसने अभी अभी उसे थप्पड़ मारा था। वो जानता था कि उसे अब क्या करना है।

उसने निशा को धक्का दे कर नीचे गिराया और उसके पैर मोड़ कर दोहरा कर दिया अब वो खड़ा था और उसका लण्ड निशा की गांड को छू रहा था। रितेश ने अपना लण्ड उसकी गाँड़ पर रखा और धप्प की आवाज के साथ पूरा निशा की गाँड़ में घुसा दिया।

आह कुत्ते..बस इतना ही निकल सका निशा के मुँह से रितेश ने अपना दाँया पैर उठा कर उसके मुँह पर रख दिया। अब वो ज़ोर ज़ोर से धक्के मार रहा था

आह आह मेरी जान..फ़क मी जान..ओह्ह यस यस यस फ़क मी हार्डर बेबी..

रितेश ऊपर से धक्के पर धक्के मार रहा था उसने ब्रा पैंटी बाहर निकाल फैंकी।
ले राँड़ ले कुटिया आह बहुत टाइट गाँड़ है तेरी हरामजादी..मुझे थप्पड़ मारती है बहन की लोड़ी.. तेरी माँ की चूत रंडी.. आह ले मेरा पूरा लौड़ा ले अपनी गाँड़ में मादरचोद।

हाँ दे अपना लण्ड पूरा घुस के चोद मुझे कुत्ते..हाँ ऐसे ही आह कुत्ता है तू मेरा पालतू कुत्ता चोद अपनी मालकिन को हरामी कुत्ते ऐसे ही आह आह यस बेबी आह फ़क मी..
दोनों एक दूसरे को गाली बके जा रहे थे।
करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद रितेश का लण्ड फूलने लगा उसने उसे बाहर निकाला और निशा को बालों से पकड़ कर उठाया।

किसी आज्ञाकारी रंडी की तरह निशा अपना मुंह खोल कर बैठ गयी।
आह आह आह ले पी जा कुतिया तेरा मनपसंद जूस पी ले आह रितेश अपना माल उसके मुँह में उड़ेलता हुआ बोला।

ममममम टेस्टी है..अपने होंठों पर जीभ फेरती हुई निशा बोली।
उसने अपनी उंगलियों से जमीन और अपने बदन पर गिरा हुआ वीर्य उठाया और चाट लिया। फिर अपनी जीभ से रितेश के लण्ड के टोपे पर लगी हुई एक दो बूंदों को भी चाट गयी और उठ कर कपड़े पहनने लगी।

रितेश भी अपने कपड़े पहन कर बाहर चला गया।

निशा अब अपने ऑफिस में अकेली थी और आँखें बंद कर के अपनी कुर्सी पर लेटी हुई कुछ सोच रही थी।
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#2
(22-02-2021, 03:21 PM)Saurabh9147 Wrote: आह आह आह..Take it my bitch take it all in your mouth baby
साहिल ने अपना सारा पानी वीना के मुंह पर निकाल दिया और सोफे पर जा कर बैठ गया।

उम्मम क्या बात है भाई..कितने दिन से इकट्ठा कर रहे थे
वीना ने अपनी उंगली से चेहरे पर लगे साहिल के सफेद गाढ़े वीर्य को साफ करते हुए कहा।

आज पूरे तीन महीने बाद चूत मारी है किसी की..इतना तो निकलेगा ही। साहिल ने सोफे पर पड़े पड़े जवाब दिया।

हम्म ये तो है वैसे आज भी आपका माल उतना ही टेस्टी है जितना पहली बार था जब आपने मुझे पिलाया था। वीना अब तक सारा वीर्य उंगली से चाट गयी थी।

तो मेरी कुतिया को अपने मालिक का पानी अच्छा लगा हाँ... साहिल ने सिगरेट का कश लेते हुए कहा।
हूँ.. हमेशा अच्छा लगता है..वीना उठ कर नंगी ही अपनी मोटी गांड हिलाते हुए साहिल के पास आकर बैठ गयी।

उसने साहिल को चूमना चाहा लेकिन साहिल ने उसके बाल पकड़ कर उसे नीचे गिरा दिया।
साली ये तेरी असली जगह है समझी..जब तक मैं ना कहूँ मेरे बराबर बैठने की गलती मत करना। मेरी असली बहन नहीं है तू इस बात को जितना जल्दी समझ सकती है समझ ले।
साहिल ने पैर के अंगूठे को उसके मुंह में डालते हुए कहा।

हम्म्म्म समझ गयी..वो उसके अंगूठे को मुंह में चूसती हुई बोली।

क्या समझी बोल..साहिल ने अपना पूरा अंगूठा उसके मुँह में घुसाते हुए पूछा।

यही समझी कि मेरी कोई औकात नहीं आपके सामने..आपकी फैंकी हुई झूठन को खाना ही मेरी किस्मत है मालिक। वीना ने जवाब दिया।

हम्म्म्म.. समझदार है कुतिया। कहते हुए साहिल बाथरूम में नहाने चला गया।

"और एक दिन यही कुतिया तुझे अपना कुत्ता बनाएगी साहिल मित्तल, ये बात तुझे भी जल्द समझ आ जायेगी" वीना अपमान का घूँट पीते हुए मन में बोली और अपने कमरे में नहाने चली गयी।

क्या हुआ वीना ऐसे चुपचाप क्यों बैठी है..नाश्ता अच्छा नहीं लगा क्या। वीना और साहिल की माँ निशा ने वीना से पूछा।
नहीं माँ ऐसा तो कुछ नहीं है नाश्ता तो हमेशा की तरह बेहतरीन ही है बस कुछ सोच रही थी मैं। वीना ने जवाब दिया।

अरे! ऐसा भी क्या सोचना कि खाना ही भूल जाये चल पहले नाश्ता कर ले फिर दोनों मिल कर सोचेंगे जो सोचना है। निशा ने कहा।

हम्म्म्म.. क्या बात हो रही हैं माँ बेटी के बीच कोई हमें भी बता दो। साहिल ने आकर कुर्सी पर बैठते हुए पूछा।

कुछ नहीं बेटा बस माँ बेटी के बीच की बात है। निशा ने जवाब दिया।

ओह्ह ऐसा क्या..लाओ मुझे भी कुछ खिला दो बहुत जोर से भूख लगी है और वैसे भी जर्मनी में माँ के हाथ का खाना नहीं मिलता। साहिल ने एक प्लेट लेते हुए कहा।

बोल तो ऐसे रहा है जैसे ना जाने कितनी याद आयी हो माँ की वहाँ.. निशा ने उसे खाना देते हुए कहा।

बहुत याद आयी माँ आपको कैसे बताऊँ.. मैं तो जाना ही नहीं चाहता था डैड के मरने के बाद लेकिन आपकी जिद की वजह से मुझे जाना पड़ा। साहिल खाना खाते हुए बोला।
तो मैं क्या करती तू बता..जो हुआ उसे कोई बदल तो नहीं सकता था..और फिर तेरी पढ़ाई भी तो बाकी थी।यहाँ सब सम्हाल ही लिया था रितेश ने फिर तू रुक कर क्या करता यहाँ। निशा ने उसके पास बैठते हुए कहा।

अब तो मैं आ गया ना माँ हमेशा के लिए आपके पास। साहिल एकटक निशा को देख रहा था।
तू तो आ गया बस साक्षी भी आ जाये तो मेरा परिवार पहले की तरह पूरा हो जाये बस ऊपर वाले से यही प्रार्थना है। निशा ऊपर देखते हुए हाथ जोड़ कर बोली।

दीदी आ रहीं है..कब..कब आ रही हैं दीदी। इतनी देर से चुपचाप बैठी हुई वीना चौंक कर बोली।
वो अगले हफ्ते आएगी। और अगर तुम दोनों का खाना हो गया हो तो जा कर आराम करो मुझे ऑफिस भी जाना है अब। निशा ने प्यार से साहिल का सर थपथपा कर कहा और खड़ी हो गई।

मेरा हो गया मैं जा रही हूं कमरे में..वीना साहिल को देखते हुए बोली।
जा तू भी जा कर आराम कर ले शाम को मैं जल्दी आ जाऊंगी फिर बैठ कर बातें करेंगे..निशा ने साहिल से कहा।

जी माँ..मुझे कुछ काम भी है कुछ दोस्तों को कॉल करने है बाई..और शाम को जल्दी आना माँ। साहिल भी अपनी कुर्सी से खड़ा हो गया।

ठीक है बेटा और जल्दी ही तू भी ऑफिस आना शुरू कर आखिर ये सब तुझे ही सम्हालना है आगे चलकर। निशा ने बाहर निकलते हुए कहा।
जी माँ.. मैं जल्दी ही सब सम्हाल लूँगा बस 1 हफ्ते का समय दे दो दीदी आ जाएं फिर हम दोनों सब सम्हाल लेंगे। साहिल ने निशा को विदा करते हुए कहा।

निशा ऑफिस जा चुकी थी और साहिल अपने कमरे में सोफे पर बैठा दोस्तों से फोन पर बातें कर रहा था कि तभी वीना उसके कमरे में आई और चुपचाप आकर उसके पैरों के पास सोफे पर सिर टिका कर बैठ गयी। साहिल उसे देख कर मुस्कुराया और दोबारा उसके मुँह में अपने पैर का अंगूठा डाल दिया जिसे वीना बड़े प्यार से चूसने लगी।


उम्मम आह..आह..क्या बात है मेरी जान आज कुछ ज्यादा ही जोश में हो..रितेश निशा से बोला जो इस समय उसका लण्ड चूस रही थी।
निशा इस समय सिर्फ काली ब्रा पैंटी में थी और नीचे बैठी हुई थी। वहीं रितेश सोफे पर दोनों पैर खोल कर बिल्कुल नंगा बैठा हुआ था और निशा से लण्ड चुसाई का आनंद ले रहा था।

क्यों रोज़ क्या जोश में नहीं होती मैं..निशा अपने मुँह से लण्ड निकालते हुए बोली।

होती हो..होती हो..लेकिन आज कुछ ज्यादा ही जोश में हो। रितेश ने निशा का सर अपने लण्ड पर दबाते हुए कहा।

मममममम.. निशा ने चूसना चालू रखा और एकदम से उसके लण्ड पर दांत मार दिए।
उफ़्फ़ क्या करती है राँड.. काट क्यों रही है हरामजादी..रितेश ने निशा के बाल पकड़ कर कहा।

क्योंकि मुझे मज़ा आता है ..कहते हुए निशा खड़ी हो गयी और अपनी ब्रा निकाल कर रितेश के मुँह में घुसा दी। अब उसने अपनी पैंटी भी उतारी और वो भी उसके मुँह में घुसा दी अब वो पूरी नंगी थी उसके बड़े बड़े चूचे रितेश की आँख के सामने लहरा रहे थे.. उसकी चिकनी चूत काम की अधिकता की वजह से फूल गयी थी।
जब उससे रहा ना गया तो वो रितेश के लण्ड के ऊपर बैठ गई और अपनी चूत को उसके लण्ड पर रगड़ने लगी।

आह की आवाज के साथ रितेश का लण्ड निशा की चूत में घुस गया। 
अब उसने रितेश के हाथ पकड़ कर अपने लहराते हुए मुम्मोंपर रखे और उसके लण्ड पर कूदने लगी।

आह रितेश फ़क मी आह यस यस यस बेबी..वो बड़बड़ाये जा रही थी और उसके लण्ड पर कूदे जा रही थी।
अब उसने रितेश की गर्दन अपने दोनों हाथों से पकड़ ली और दबाने लगी।
रितेश ने भी उसकी कमर पकड़ कर नीचे से धक्के लगाना शुरू कर दिया।

चटाक..एक चांटे की आवाज़ पूरे कमरे में गूंज गयी। रितेश आंखे फाड़े निशा को देख रहा था जिसने अभी अभी उसे थप्पड़ मारा था। वो जानता था कि उसे अब क्या करना है।

उसने निशा को धक्का दे कर नीचे गिराया और उसके पैर मोड़ कर दोहरा कर दिया अब वो खड़ा था और उसका लण्ड निशा की गांड को छू रहा था। रितेश ने अपना लण्ड उसकी गाँड़ पर रखा और धप्प की आवाज के साथ पूरा निशा की गाँड़ में घुसा दिया।

आह कुत्ते..बस इतना ही निकल सका निशा के मुँह से रितेश ने अपना दाँया पैर उठा कर उसके मुँह पर रख दिया। अब वो ज़ोर ज़ोर से धक्के मार रहा था

आह आह मेरी जान..फ़क मी जान..ओह्ह यस यस यस फ़क मी हार्डर बेबी..

रितेश ऊपर से धक्के पर धक्के मार रहा था उसने ब्रा पैंटी बाहर निकाल फैंकी।
ले राँड़ ले कुटिया आह बहुत टाइट गाँड़ है तेरी हरामजादी..मुझे थप्पड़ मारती है बहन की लोड़ी.. तेरी माँ की चूत रंडी.. आह ले मेरा पूरा लौड़ा ले अपनी गाँड़ में मादरचोद।

हाँ दे अपना लण्ड पूरा घुस के चोद मुझे कुत्ते..हाँ ऐसे ही आह कुत्ता है तू मेरा पालतू कुत्ता चोद अपनी मालकिन को हरामी कुत्ते ऐसे ही आह आह यस बेबी आह फ़क मी..
दोनों एक दूसरे को गाली बके जा रहे थे।
करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद रितेश का लण्ड फूलने लगा उसने उसे बाहर निकाला और निशा को बालों से पकड़ कर उठाया।

किसी आज्ञाकारी रंडी की तरह निशा अपना मुंह खोल कर बैठ गयी।
आह आह आह ले पी जा कुतिया तेरा मनपसंद जूस पी ले आह रितेश अपना माल उसके मुँह में उड़ेलता हुआ बोला।

ममममम टेस्टी है..अपने होंठों पर जीभ फेरती हुई निशा बोली।
उसने अपनी उंगलियों से जमीन और अपने बदन पर गिरा हुआ वीर्य उठाया और चाट लिया। फिर अपनी जीभ से रितेश के लण्ड के टोपे पर लगी हुई एक दो बूंदों को भी चाट गयी और उठ कर कपड़े पहनने लगी।

रितेश भी अपने कपड़े पहन कर बाहर चला गया।

निशा अब अपने ऑफिस में अकेली थी और आँखें बंद कर के अपनी कुर्सी पर लेटी हुई कुछ सोच रही थी।

जब तक reply नहीं आएंगे तब तक आगे का पार्ट भी नहीं आएगा।
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#3
(23-02-2021, 11:40 PM)Saurabh9147 Wrote: जब तक reply नहीं आएंगे तब तक आगे का पार्ट भी नहीं आएगा।

सड़ियल, इससे बकवास ज्यादा कुछ हो ही नहीं सकता, बंद कर,
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#4
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